गुरुवार, 15 जुलाई 2010

एक बरसात

वैसे बरसात से मेरा प्रेम पुराना है !
जीवन में बरसात का आना एक बहाना है !
बचपन में घनघोर बरसात में निकल जाने को मन करता था।
उस पानी में भींगने का नशा कुछ और ही था !
आपे से बाहर हो बस बारिश की हर बूँद को छू लेना।
लेकिन उम्र के पडाव के साथ बारिश के कई मजे भी लेना।
और जब किसी के प्रेम में पड़ी तो बस...
बारिश ने हम दोनों को कितना करीब ला दिया।
एक ही छोटी-सी छतरी के नीचे एक-दूसरे को बचाने में...
सच बारिश ने मेरे मन को बहने दिया...
शायद जो मैं कई कोशिश कर भी नहीं कर सकती थीं...
बारिश ने उसे पल भर में करवा दिया !

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