जिसका चुपके से इंतज़ार,
उसी के आने से बेख़बर
जब उसका आना, जाना !
तो अपने को पहचाना !
पर मेरी ख़ुशी किसका अफ़साना ?
क्योंकि मुझे तो अपने को बिसराना !
फिर मेरी ख़ुशी का क्या ?
बात सुन सहम गई !
फिर ज़िद में आगे हुई !
बहुत से सवाल-ज़वाब के साथ !
पर डर हर पल बढ़ता गया !
कि जिसने अपने को न जाना
दूसरे को पहचान देगा-क्या ?
इसी द्वन्द्व में खड़ी हूँ !
फिर भी डर-डर लड़ी हूँ !
उसी के आने से बेख़बर
जब उसका आना, जाना !
तो अपने को पहचाना !
पर मेरी ख़ुशी किसका अफ़साना ?
क्योंकि मुझे तो अपने को बिसराना !
फिर मेरी ख़ुशी का क्या ?
बात सुन सहम गई !
फिर ज़िद में आगे हुई !
बहुत से सवाल-ज़वाब के साथ !
पर डर हर पल बढ़ता गया !
कि जिसने अपने को न जाना
दूसरे को पहचान देगा-क्या ?
इसी द्वन्द्व में खड़ी हूँ !
फिर भी डर-डर लड़ी हूँ !
11 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जिसे के इंतेज़ार में है, उसी के माध्यम से अपने को पुनः पहचान मिलेगी, फिर अपने को जाना जा सकेगा। सुंदर रचना, नए अतिथि के आगमन पर :)
बधाई अच्छी रचना है.
गर्भ में आना किसी का
माँ बनना है
और, यह कठिन तप
माँ को माँ बनाता है.
बड़ी साहसी होती है
अपने गर्भ पर उसे
गर्व होता है.
दुनिया से लड़ने का साहस देता है
जो अब तक नहीं था
वह गर्भ में किसी के आने से
उसमें आ जाता है
नए सामजिक बंधन रचना
नवीन कविता लिखना सीख जाती है माँ.
आशा है
'गर्भ में आना' से आपके जीवन में नए रचना संसार का शुभारंभ होगा.
शुभकामनाएं.:)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
आपकी अनमोल राय की अपेक्षा करती है हमारी यह पोस्ट-
‘‘क्या अन्ना हजारे द्वारा संचालित भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन की प्रक्रिया और कार्यपद्धति लोकतन्त्र के लिए एक चुनौती है?’’
चर्चा मंच द्वारा आप तक पहुंची..सुन्दर लिखा है आपने ..
kalamdaan.blogspot.com
इसकी चर्चा आज[२८ दिसंबर] के चर्चा मंच पर हुई है। बधाई॥
बहुत सुंदर कोमल प्रस्तुति ।
गवाही आगमन की इन्तजारे वक्त ही देगा
पली है गर्भ में जो आत्मा जब भी यहाँ होगी
बहुत ही भावुक सरल ,सहज अभिव्यक्ति .बधाई
बहुत ही भावुक सरल ,सहज अभिव्यक्ति .बधाई
मुझे खेद है कि आपकी ये दोनों कविताएं मैंने बौट देर से देखीं। आपकी मातृ संवेदनाओं का अभिनंदन करता हूँ और आपके रचना कौशल की सराहना करता हूँ। संवेदनशील आत्माभिव्यक्ति मे वैचारिकता और भावनाओं का कलात्मक सामंजस्य कविता को अर्थवान और मर्मस्पर्शी बना गया है ।
बस यूं ही लिखते रहिए।
बधाई।
एम वेंकटेश्वर।
वाह क्या बात है बहुत सुन्दर
कृपया इसे भी देखें
यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर प्रसिद्ध कवि, सम्पादक समीक्षक और यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से लिया गया एक साक्षात्कार
एक टिप्पणी भेजें