tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post98894816715501633..comments2023-06-18T16:05:52.426+05:30Comments on संवेग: शमशेर की रचनाओं का वैशिष्टयबलविंदरhttp://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-37726729765128396612011-04-22T14:01:13.098+05:302011-04-22T14:01:13.098+05:30हिंदी और उर्दू के विशिष्ट कवि शमशेर बहादुर सिंह की...हिंदी और उर्दू के विशिष्ट कवि शमशेर बहादुर सिंह की कविताओं में वैशिष्ट्य होगा ही. लेख अच्छा है.पढ़कर आनंद आया. उन्होंने बिंब,रंग और संकेत चिह्नों द्वारा हिंदी कविता में एक विशिष्ट शैली को इजाद किया. उनकी कविता पढ़ने और समझने की कोशिश में भी आनंद आता है. - बालाजी.डॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-5894541789194091412011-04-18T23:48:37.521+05:302011-04-18T23:48:37.521+05:30आदरणीय सर जी प्रणाम ! आपकी इतनी सकारात्मक टिप्पणी ...आदरणीय सर जी प्रणाम ! आपकी इतनी सकारात्मक टिप्पणी को पाकर मन और भी ज्यादा प्रोत्साहित हो गया हैं। इस टिप्पणी के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। दूसरी जो आपने अपनी चिंता ज़ाहिर की है वह सच में सोचने लायक है। खैर! शमशेर के शताब्दी वर्ष के बहाने ही सही हम उन्हें कुछ जान तो पाएँ। पुनः आपकी खूबसूरत टिप्पणी के लिए धन्यवाद।बलविंदरhttps://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-52304486902555972482011-04-17T18:58:47.515+05:302011-04-17T18:58:47.515+05:30यह सही कहा कि शमशेर को समझने के लिए सभी कलाओं का प...यह सही कहा कि शमशेर को समझने के लिए सभी कलाओं का पारखी होना चाहिए। शायद इसीलिए वे उतनी प्रसिद्धि नहीं पा सके जितनी उन्हें मिलनी चाहिए थी। शताब्दी वर्ष के बाद शायद फिर उन्हें भुला दिया गाएगा:(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com