tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post9078971830464719286..comments2023-06-18T16:05:52.426+05:30Comments on संवेग: अज्ञेय जन्म शती समारोह के चित्रबलविंदरhttp://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-21086262443157116872011-05-06T15:05:56.641+05:302011-05-06T15:05:56.641+05:30रिपोर्ट के माध्यम से अज्ञेय जैसे कालजयी साहित्यकार...रिपोर्ट के माध्यम से अज्ञेय जैसे कालजयी साहित्यकार के बारे में काफी जानकारी प्राप्त हुई. धन्यवाद.Gurramkonda Neerajahttps://www.blogger.com/profile/15380939804304000823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-67538439990115742322011-05-06T01:03:44.626+05:302011-05-06T01:03:44.626+05:30अज्ञेय को या हिंदी के महान साहित्यकारों को समय-समय...अज्ञेय को या हिंदी के महान साहित्यकारों को समय-समय पर याद करने का जो तरीका उच्च शिक्षा और शोध संस्थान ने अपनाया है वह अब तक हैदराबाद के किसी भी विश्व विद्यालयों में देखने को नहीं मिला. कम से कम मेरी नजर में तो नहीं आया. साहित्यकार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संगोष्ठी और फिर विषय से जुडी पोस्टरों,पुस्तकों और प्रबंधों की प्रदर्शनी. अद्भुत योजना और आयोजन.<br />भाषा शिक्षण में जिन चार कौशलों की अध्यापक बार-बार बात करतें हैं, वे चारों यहाँ देखने को मिले.याने कि सुनना,बोलना,पढ़ना और लिखना. हर दृष्टि से संगोष्ठी व प्रदर्शनी का संयोजन बहुत बढ़िया रहा. और, एक ख़ास बात यहाँ देखने में आई है. वह यह कि प्राध्यापकों और विद्यार्थियों में आपसी ताल मेल, मेल-मिलाप और टीम वर्क. किसी भी कार्यक्रम की सफलता उसके भागीदारों के आपसी सहयोग पर निर्भर करती है. दरअसल इसके लिए विभाग के नेतृत्व को बधाई देनी चाहिए. <br />फोटो अच्छे हैं और सच्चे हैं.डॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-29004941734825786962011-05-03T17:23:24.670+05:302011-05-03T17:23:24.670+05:30बढिया कार्यक्रम के लिए बधाई॥बढिया कार्यक्रम के लिए बधाई॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com