tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post1163310016747690859..comments2023-06-18T16:05:52.426+05:30Comments on संवेग: रवि श्रीवास्तव के दो व्यंग्य संग्रहबलविंदरhttp://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-18986235127259643702012-09-01T20:01:00.850+05:302012-09-01T20:01:00.850+05:30श्रीवास्तव जी के व्यंग्य संग्रहों पर आपकी समीक्षा ...श्रीवास्तव जी के व्यंग्य संग्रहों पर आपकी समीक्षा पढ़ी . समीक्षा अच्छी हैं .' भाषा की गहरी पकड़ के बिना अच्छी समीक्षा भी नहीं बन पाती. सफल समीक्षा के लिए आपको बधाई.राधा कृष्ण मिरियाला https://www.blogger.com/profile/07501786787430572561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-23609884322780594092010-07-29T10:41:59.889+05:302010-07-29T10:41:59.889+05:30समीक्षा अच्छी लगी | बधाई हो | आगे भी लिखते रहें |समीक्षा अच्छी लगी | बधाई हो | आगे भी लिखते रहें |Gurramkonda Neerajahttps://www.blogger.com/profile/15380939804304000823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-46789718255459728942010-07-28T23:32:37.178+05:302010-07-28T23:32:37.178+05:30रवि श्रीवास्तव जी के व्यंग्य संग्रहों पर आपकी समी...रवि श्रीवास्तव जी के व्यंग्य संग्रहों पर आपकी समीक्षा पढ़ी . समीक्षा अच्छी हैं .' भाषा की गहरी पकड़ के बिना व्यंग्य अपनी सार्थकता को नहीं छू पाता है.'<br />भाषा की गहरी पकड़ के बिना अच्छी समीक्षा भी नहीं बन पाती. सफल समीक्षा के लिए आपको बधाई.<br />- डॉ. बी.बालाजीडॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.com