tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post8258034642625446651..comments2023-06-18T16:05:52.426+05:30Comments on संवेग: अज्ञेय के उपन्यासों में अस्मिता, जिजीविषा और मृत्यु बोध-बलविंदरhttp://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-42917472219893261682011-07-19T11:27:19.638+05:302011-07-19T11:27:19.638+05:30bahut hi sunder aur gyaanverdhak lekh.badhaai aapk...bahut hi sunder aur gyaanverdhak lekh.badhaai aapko.<br /><br /><br /><br /><br /><br />please visit my blog.thanks.prerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-67748264295429611812011-07-17T22:26:46.257+05:302011-07-17T22:26:46.257+05:30बलविंदर जी आपका यह उत्कृष्ट आलेख दिनांक 19-07-2011...बलविंदर जी आपका यह उत्कृष्ट आलेख दिनांक 19-07-2011 को मंगलवारीय चर्चा में चर्चा मंच पर भी होगा कृपया आप चार्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर पधार कर अपने सुझावों से अवगत कराएंचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-4480126523497399112011-07-13T20:33:55.678+05:302011-07-13T20:33:55.678+05:30@ धन्यवाद आदरणीय चन्द्रमौलेश्वर जी, असल में मैंने...@ धन्यवाद आदरणीय चन्द्रमौलेश्वर जी, असल में मैंने अज्ञेय को अधिक नहीं पढ़ा है लेकिन जब मैंने youtube पर उनके विचारों को सुना तथा वे जहाँ रहा करते थे उस वातावरण को देखा तथा उनके मुख से स्वयं अपने और अपनी रचनाओं के बारे में सुना तो सच में बहुत ही अच्छा लगा। अभी तक youtube पर देखी और सुनी अज्ञेय की बातें एक असीम प्रेरणा और आनन्द देती है। उनका सौम्य, गम्भीर व हंसमुख चेहरा भी उनके व्यक्तित्व को समझने में काफी मदद करता है।बलविंदरhttps://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-4923534387917616772011-07-10T01:12:38.006+05:302011-07-10T01:12:38.006+05:30बहुत ही सुन्दर तथा छात्रोपयोगी श्रमसाध्य प्रयास......बहुत ही सुन्दर तथा छात्रोपयोगी श्रमसाध्य प्रयास...धन्यवाद और बधाईचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2000920634935719364.post-46773099630760644552011-07-09T18:09:33.810+05:302011-07-09T18:09:33.810+05:30नदी के द्वीप, शेखर एक जीवनी जैसे उपन्यासों और सात्...नदी के द्वीप, शेखर एक जीवनी जैसे उपन्यासों और सात्र जैसे चिंतकों के विचारों का समावेश करके अज्ञेय के चिंतन का सुंदर चित्रण इस लेख में मिलता है। निश्चय ही आपकी मेहनत सार्थक हुई।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com